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वेद के मानने में सब एक हो जाते हैं ।। Vedic Manyata Sabhi ke Liye.

10:58
मित्रों, आर्य संतान जिन्हें हिंदू कहा जाता है, में कौन ऐसा होगा जो वेद का आदर न करता हो ? इस बात का अभिमान न करता हो कि हमारे धर्म का मूल...Read More

पुनः उसी वातावरण में लौटने लगते है ।। Usi Vatavaran Me Lautana.

10:54
यह जानकर भी हम इस ओर कदम नहीं उठाते । यदि किसी के कहने सुनने से उठकर चल भी पड़ते है, तो ज्यादा नहीं चल पाते, थककर बैठ जाते है ! और पुनः उ...Read More

हम अविश्वास के भावों को जल्दी ग्रहण करते है ।। Avishwas ke Bhav.

10:45
मित्रों, हम अविश्वास के भावों को जल्दी ग्रहण करते है, विश्वास के भावों को नहीं । उसका कारण ये है, कि हमारें चारों ओर का वातावरण ही अविश्व...Read More

महाभारत का युद्ध बाहर मैदान में था । Mahabharat Ka Yuddha.

10:43
मित्रों, उस समय महाभारत का युद्ध बाहर मैदान में था । आज महाभारत हर मानव के अन्दर चल रहा है । हम हर समय युद्ध करते रहते है, जिसे वैचारिक...Read More

अधर्म की नीति को धारण कर अपने स्वयं के लिए लड़ रहे है । Adharma Ki Niti.

10:36
और ये जो सब सामने खडे है, अधर्म की नीति को धारण कर अपने स्वयं के लिए लड़ रहे है । तुम धर्म की नीति को धारण कर मानवता के लिए लड़ रहे हो । ...Read More

निति, नियम और व्यक्ति का आचरण ।। Policies, rules and practices - Bhagwat Katha.

10:34
मित्रों, भगवान कृष्ण ने कहा:- अर्जुन किस सोच में बैठ गये ? अर्जुन ने कहा, आर्यश्रेष्ठ मेरे सामने मेरे अपने ही खड़े है, मैं उन पर कैसे जहर...Read More