पुनः उसी वातावरण में लौटने लगते है ।। Usi Vatavaran Me Lautana.


नरदेवोऽसि वेषेण नटवत्कर्मणाद्विजः ।।5।।
राजा परीक्षित ने राजवेषधारी कलियुग से कहा:- रे तू नट की भाँति वेश तो राजा का-सा बना रखा है, परन्तु कर्म से तू शुद्र (उद्दण्ड) जान पड़ता है ।।5।।


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