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कामनाओं की पूर्ति का एक अकाट्य साधन यज्ञ ।। An undisputed means of fulfilling desires - Yagya. Part-2.

कामनाओं की पूर्ति का एक अकाट्य साधन यज्ञ ।। An undisputed means of fulfilling desires - Yagya. Part-2.


मित्रों, दवाओं में सीमित स्थान एवं सीमित व्यक्तियों को ही बीमारियों से बचाने की शक्ति है । परन्तु यज्ञ की वायु तो सर्वत्र ही पहुँचती है और यहाँ तक की यज्ञ न करने वाले प्राणियों की भी सुरक्षा करती है । मनुष्य की ही नहीं अपितु पशु-पक्षियों, कीटाणुओं एवं वृक्ष-वनस्पतियों के आरोग्य की भी साधना यज्ञ से हो जाती है ।।


यज्ञ की ऊष्मा मनुष्य के अंतःकरण में देवत्व जागृत करती है । जहाँ यज्ञ होते हैं, वह भूमि एवं प्रदेश सुसंस्कारों को अपने अन्दर धारण कर लेता है । यहाँ तक की वहाँ आने-जाने वालों पर भी दीर्घकाल तक यह ऊष्मा प्रभाव डालता रहता है । आज के सभी तीर्थ लगभग वहीं बने हैं जहाँ प्राचीनकाल में बड़े-बड़े यज्ञ हुए थे ।।



मित्रों, आज भी जिन घरों अथवा स्थानों में यज्ञ होते हैं, वह भी एक प्रकार का तीर्थ बन जाता है । ऐसे स्थानों में जिनका रहना होता है, उनकी मन:स्थिति उच्च, सुविकसित एवं सुसंस्कृत होती ही हैं । महिलाएँ, छोटे बालक एवं गर्भस्थ बालक विशेष रूप से यज्ञ शक्ति से अनुप्राणित होते हैं । उन्हें सुसंस्कारी बनाने के लिए यज्ञीय वातावरण की समीपता बड़ी उपयोगी सिद्ध होती है ।।


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