Breaking News

आज का फैशन, और युवा पीढ़ी; Today's fashion, and the younger generation;


Swami Dhananjay Maharaj
जय श्रीमन्नारायण,

शास्त्रों मे लिखा है, कि व्यक्ति को अपने सौंदर्य को बढ़ाना चाहिए ! खूबसूरत दिखें, लेकिन सात्विक अलंकारों से, कदापि ऐसी वृत्ति का सहारा न लें, कि पिशाचों सा स्वरूप बन जाय !!!


लेकिन आज तो इसे ही फैशन माना जा रहा है ! और इस तरह के रूप को ही, सर्वोत्तम समझकर हमारी आज कि पीढ़ी इन्हीं के पीछे भागती है, और इन्हें ही अपना आदर्श समझती है !!!

भागवत जी मे लिखा है, राजा युधिष्ठिर ने जब सभी कुछ त्यागकर सन्यास लिया, तब उन्होंने ऐसा किया --


चीरवासा निराहारो बद्धवाङ्मुक्तमूर्धजः !!
दर्शयन्नात्मनो रूपं जडोन्मत्तपिशाचवत् !! 43 !! स्क-१.अ-१५.

अर्थ:- इसके पश्चात उन्होंने शरीर पर चीर-वस्त्र धारण कर लिया, अन्न-जल का त्याग कर दिया, मौन ले लिया और केश खोलकर बिखेर लिये। वे अपने रूप को ऐसा दिखाने लगे जैसे कोई जड़, उन्मत्त या पिशाच हो ।।43।।



लेकिन आज तो लोग, फटे जीन्स (चीर-वस्त्र) पहनते हैं, वडा-पाव, पीजा (अन्न-जल के परित्यागी) आदि खाते हैं, जैकपाट लगाकर कान में म्यूजिक सुनते रहते हैं, मोबाइल में गेम अथवा इन्टरनेट पर लगे रहकर मौन रहते हैं !!!

और बालों का तो क्या कहना साहब, मर्द तो मर्द रहे नहीं (औरतों से दिखने लगे), शक्ति स्वरूपा माताएं भी अपने सर्व श्रृंगाराभूषण केशों को कटवाकर, पिशाचों जैसी दिखने का प्रयत्न जन्मना ही करती है !!!

बातें, चाहे स्त्री हो या पुरुष, बालक हो या वृद्ध, आत्मज्ञानी ही नजर आते हैं ! तो कहीं न कहीं, पहले के लोगों कि अपेक्षा आज के लोग जन्मना सिद्ध दिखने का प्रयत्न करते हैं !!

Contact to "LOK KALYAN MISSION CHARITABLE TRUST" to organize Shreemad Bhagwat Katha, Free Bhagwat Katha, Satsang.in your area. you can also book online. Go On -

Other Links:--
http://www.facebook.com/sansthanam
http://www.facebook.com/swamidhananjaymaharaj
http://sansthanam.blogspot.com
http://dhananjaymaharaj.blogspot.com/

E-Mail :: sansthaanam@gmail.com 
Mob - +91-9375288850


और कही न कहीं यही हमारी संस्कृति के पतन का कारण बनती जा रही है ! आप बचें, और अपनों को इस प्रकार कि हरकतों से बचाने का प्रयत्न करें, तभी कुछ हो सकता हैं !!!!

!!!! नमों नारायण !!!!

No comments